FACTS ABOUT SHIV CHAISA REVEALED

Facts About Shiv chaisa Revealed

Facts About Shiv chaisa Revealed

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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

There isn't any one particular as generous while you, Your devotees normally praise and provide you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless secrets and techniques are past comprehension.

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे Shiv chaisa मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

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